कलियुग में रामकथा से बढ़कर कुछ नही : दीपेश्वरी रामायणी
गाडरवारा। समीपी कोठिया घाट पर संत श्री 108 श्री जगदेव दास की सत्प्रेरणा से 25 वां 27 कुंडीय श्री राम मानस यज्ञ अंतिम दौर में है । नर्मदा पूजन, कलश यात्रा एवं दीपदान से शुरू हुए यज्ञ में प्रतिदिन अनेक धर्मप्रेमी श्रद्धालु पुण्यलाभ ले रहे है। यज्ञ स्थल पर प्रवचन कार्यक्रम में साध्वी दीपेश्वरी रामायणी ने शिव- पार्वती प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि यह प्रसंग भक्तों के लिए बहुत ही कल्याणकारी एवं मंगलकारी है। जो सच्चे मन से कथा का श्रवण करते हैं वह विघ्न बाधा से परे होकर समाज में आदर्श प्रस्तुत करते हैं। भोलेनाथ तीनों लोकों के गुरु हैं। सृष्टि की रक्षा के लिए उन्होंने विषपान भी कर लिया। उनकी कृपा सभी पर समान रूप से रहती है । मां पार्वती तो साक्षात भगवती स्वरूप हैं । उन्होंने कहा कि कलियुग में श्री रामकथा से बढ़कर कुछ भी नही है। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम है। उनके संपूर्ण जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते है। जीवन मे सदाचार एवं उच्च आदर्श रामकथा से ही सीखे जा सकते है। उल्लेखनीय है कि यज्ञ के अंतिम दिन 5 फरवरी को पूर्णाहुति, कन्या भोज एवं भंडारा आदि कार्यक्रम होंगे। ब्रह्मदेव आश्रम की कथा प्रवचन एवं यज्ञ की सभी गतिविधियों को नर्मदा प्रसाद ब्लॉग चैनल के माध्यम से देख सकते हैं।