नई दिल्ली । दो माह तक शुद्ध लिवाल के बाद विदेशी निवेशकों ने सितंबर में फिर से बिकवाली पर जोर दिया। सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 7,600 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी कर ली। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक भारतीय बाजारों से कुल 1.68 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है।
आने वाले महीनों में भी एफपीआई की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला कायम रहने की संभावना है। उन्होंने इसके लिए वैश्विक कारकों के अलावा घरेलू कारणों को भी जिम्मेदार माना है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि मौजूदा वैश्विक मुद्रास्फीति के बीच ब्रिटिश सरकार की राजकोषीय नीतियों ने वैश्विक मुद्रा बाजार पर गहरा असर डाला है और इक्विटी बाजारों में भी जोखिम से दूर रहने की धारणा बनी है। घरेलू मोर्चे पर जीडीपी अनुमान में आंशिक गिरावट के अलावा ईंधन से संबंधित कुछ चिंताएं भी हैं।
डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने सितंबर में 7,624 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है। इसके पहले अगस्त में उन्होंने भारतीय बाजार में 51,000 करोड़ रुपए और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपए मूल्य की शुद्ध खरीदारी की थी।  हालांकि उसके पहले लगातार नौ महीनों तक एफपीआई भारतीय बाजारों में शुद्ध बिकवाल बने हुए थे। अक्टूबर 2021 से लेकर जून 2022 के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों से निकासी ही की। जहां तक सितंबर 2022 का सवाल है तो एफपीआई ने इस महीने की शुरुआत सकारात्मक अंदाज में ही की थी।