इस साल 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व है और 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। लोहड़ी और मकर संक्रांति दोनों ही पर्व में तिल और तिल से बने पकवान खाए जाते हैं। लोग तिल के लड्डू से लेकर गजक और तिल गुड़ की रेवड़ी का सेवन करते हैं। पर्व में तिल से बने पकवान के सेवन का शास्त्रों के अनुसार महत्व होता है लेकिन तिल में आयुर्वेद के गुण भी होते हैं तो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व कई बीमारियों के खतरे से बचाते हैं। इनका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। ऐसे में तिल का सेवन धार्मिक महत्व और मान्यताओं के साथ ही आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण बताया गया है। 

तिल में मौजूद होते हैं ये पोषक तत्व- तिल में कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें सेसमिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। तिल में फाइबर और मैग्नीशियम होता है और एंटी-बैक्टीरियल के गुण भी मिलते हैं। तिल में कई तरह के लवण जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम होते हैं।

तिल से इन बीमारियों का खतरा होता है कम- तिल में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। तिल लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों के होने की आशंका को कम करता है। इसमें मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम के गुण शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है।

तिल खाने के फायदे- नियमित तिल का सेवन करने से शरीर में खून की मात्रा सही बनी रहती है।तिल हाई बीपी के मरीजों के लिए फायदेमंद है। बालों और त्वचा को मजबूत व सेहतमंद बनाने के लिए तिल का नियमित सेवन लाभकारी है। तिल को खाने से मेटाबोलिज्म बेहतर काम करता है। इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को भरपूर ताकत व एनर्जी देते हैं। बच्चों के लिए भी तिल फायदेमंद है, इसमें डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ाता है। 

तिल के सेवन से नुकसान - तिल के सेवन से फायदा है लेकिन अगर सही मात्रा व सही तरीके से इसका सेवन न किया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। जिन लोगों को लो बीपी की शिकायत है, उन्हें तिल कम खाना चाहिए। ज्यादा तिल खाने से डायरिया भी हो सकती है। महिलाओं और बच्चों को तिल का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।