जबलपुर। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित अन्य विद्युत कंपनियों द्वारा विगत पांच सालों से शहर के पांचों संभागों में चली आ रही स्पॉट बिलिंग की व्यवस्था इस माह से बंद हो जाएगी। आनन-फानन में बगैर दूरदर्शिता के इस व्यवस्था को अब मोबाइल के जरिए आईलिंक से बिल देने की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में आबादी का ३० से ४० फीसदी हिस्सा एंड्राइड फोन का न तो इस्तेमाल कर रहा है न हीं इसके फीचर्स जानता है। ऐसे में इस तरह की तुगलकी फरमान जारी कर अचानक से विद्युत देयकों की प्रदाय किए जाने की व्यवस्था में परिवर्तन विद्युत उपभोक्ताओं के गले नहीं उतर रहा है। उपभोक्ताओं की मानें तो आईलिंक फीचर के जरिए न सिर्फ अनाप शनाप बिलिंग होगी बल्कि सॉफ्टवेयर के जरिए विद्युत देयक कहीं न कहीं उपभोक्ताओं को लूट का शिकार भी बनाएंगे। कीपेड मोबाइल चलाने वालों पर यह व्यवस्था किस तरह थोपी जाएगी इसे लेकर सभी की पेशानी पर बल पर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर संभाग पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और विजय नगर में अब पहले की तरह ही कर्मचारी घर-घर जाकर रीडिंग नोट करेंगे और दो-तीन दिन के अंदर उसी रीडिंग के आधार पर उन्हें मोबाइल पर बिल भेज दिया जाएगा। बता दें कि वर्ष २०१७ से शहरी क्षेत्र में फेडको कंपनी रीडिंग और स्पॉट बिलिंग का काम ठेके पर कर रही थी, जिसका ठेका समाप्त होने के बाद अब रीडिंग की पुरानी व्यवस्था को ही लागू कर दिया गया है।
मोबाइल पर बिजली बिल प्राप्त करने के लिए  उपभोक्ता को स्मार्ट बिजली एप, कंपनी के कॉल सेंटर १९१२ अथवा बिजली कार्यालय पहुंचकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा। मोबाइल नंबर दर्ज होने के बाद रीडिंग के पश्चात उपभोक्ताओं के मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से एक लिंक आएगी, जिसके माध्यम से बिल डाउनलोड किया जा सकेगा।
यह प्रक्रिया सुनने में तो सरल है लेकिन शहरी क्षेत्र में वर्तमान में भी ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्हें मोबाइल नंबर अपडेट कराने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। यह भी संभव है कि कई उपभोक्ताओं को मोबाइल नंबर दर्ज कराने में ही महीनों लग जाएं और वे तब तक बिल न भरें। ऐसे में स्लैब बढ़ेगा और यह उपभोक्ताओं की जेब पर भारी भी पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि यह व्यवस्था तत्काल लागू न करके धीरे-धीरे लागू करनी थी, ताकि दो-तीन माह में सभी उपभोक्ता अपने-अपने मोबाइल नंबर अपडेट करा पाते।
जानकारी के मुताबिक मीटर रीडिंग आउटसोर्स कर्मचारियों के माध्यम से कराई जाएगी। अनुमान है कि एक रीडर १५०० घरों की रीडिंग करेगा। साथ ही बिलिंग दक्ष एप के माध्यम से की जाएगी, जो कि बिजली कंपनी द्वारा ही डेवलप किया गया है।