भारतीय घरों में सेंधा नमक का इस्तेमाल खूब किया जाता है। आमतौर पर व्रत के खाने में इसे इस्तेमाल किया जाता है। सेहत के मामले में भी यह नमक बहुत गुणकारी है। सेंधा नमक का प्रयोग आयुर्वेद में सालों से उपचार के लिए किया जाता रहा है। यह नमक पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मददगार है। अगर आपको पाचन की समस्‍या है या सर्दी लगी है तो सेंधा नमक की मदद से आप आराम पा सकते हैं।

सामान्‍य नमक में दो तत्‍व खासतौर पर पाए जाते हैं- सोडियम और क्‍लोराइड. जबकि सेंधा नमक आयरन, जिंक, निकेल, कोबाल्‍ट, मैग्‍नीज, कॉपर रिच होता है जो हमारी सेहत के लिए जरूरी तत्व हैं। इसके अलावा अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में भी यह नमक मददगार है। 

सेंधा नमक में पाए जाने वाले मिनरल्स व्यक्ति को कई रोगों से दूर रखने में मदद करते हैं। यह नमक पाचक रसों का निर्माण करता है, इसलिए यह पाचन को दुरुस्त रखने का काम भी करता है। सेंधा नमक का उपयोग करने से ब्लड प्रेशर के उपचार,  कब्ज, अपच, गैस व सीने में जलन जैसी कई बीमारियों के लक्षणों को भी कम करने में मदद कर सकता है।

सेंधा नमक के फायदे
ब्लडप्रेशर करे कंट्रोल- सेंधा नमक हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करके कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी कम रहता है। 

स्ट्रेस करता है कम- सेंधा नमक स्ट्रेस कम करने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं यह सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन्स का बैलेंस बनाएं रखता है जो तनाव से लड़ने में मदद करते हैं।

बॉडी पेन करता है कम- सेंधा नमक मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन के साथ ही ज्वाइंट्स पेन को भी कम करने का काम करता है।    
साइनस में दे राहत- साइनस के दर्द से छुटकारा पाने के लिए सेंधा का सेवन फायदेमंद रहता है। अगर आपको स्टोन की प्राब्लम है तो सेंधा नमक और नींबू को पानी में मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में पथरी गलने लगती है।

अस्थमा को करे दूर- अस्थमा, डायबिटीज और आर्थराइटिस के मरीजों के लिए सेंधा नमक का सेवन काफी फायदेमंद होता है। नींद न आने की समस्या में भी सेंधा नमक काफी फायदेमंद होता है।

गले की खराश के लिए सेंधा नमक- सेंधा नमक में डिकंजेस्टेंट गुण हो सकते हैं, जो गले में फंसे बैक्टीरिया युक्त बलगम को पतला कर उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह खांसी की समस्या से भी राहत दिला सकता है। गले में खराश की समस्या दूर करने के लिए सेंधा नमक युक्त गुनगुने पानी से गरारे किए जा सकते हैं।