अब गांव के उद्यमी भी अपने सामान को गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर बेच सकेंगे। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जेम की तरफ से बुधवार को डाक सेवा और कॉमन सर्विस सेंटर के साथ करार किया गया। सीएससी का चार लाख गांवों में अपना नेटवर्क है जिसका उपयोग ग्रामीण उद्यमियों को जेम पोर्टल पर सामान बेचने के लिए किया जाएगा। वहीं डाक विभाग ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों की ऑनलाइन डिलीवरी से लेकर उनके भुगतान तक का दायित्व निभाएगा।जेम के सीईओ पीके सिंह ने बताया कि अभी जेम के पोर्टल पर 45 लाख उद्यमी पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से मात्र एक-सवा लाख ही सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं। जेम पोर्टल पर कारोबारियों के दायरे को बढ़ाने के साथ ग्रामीण उद्यमियों को जोड़ने के उद्देश्य से सीएससी और डाक सेवा के साथ यह समझौता किया गया है। जेम पोर्टल पर बीटूजी कारोबार होता है। उद्यमियों से सिर्फ सरकार इस पोर्टल पर खरीदारी करती है।