हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है वहां कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि जिन लोगों के घर में माता लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति होती है और नियमित रूप से उनकी पूजा आराधना की जाती है, ऐसे लोगों की यश और कीर्ति चारों दिशाओं में फैलती है। लेकिन धर्म शास्त्रों में माता लक्ष्मी की प्रतिमा को रखने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। शास्त्रों का मानना है कि मंदिर में देवी लक्ष्मी की मूर्ति को यदि सही दिशा में रखा जाए, तो विशेष लाभ प्राप्त होता है। ऐसे में धर्म शास्त्रों के अनुसार आइए जानते हैं मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को किस दिशा में रखना उत्तम होता है....

 
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति को साथ में रखें
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को ज्ञान का देवता कहा जाता है और माता लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी कहा जाता है। ज्ञान के बिना व्यक्ति के पास धन का कोई मोल नहीं है। कहा जाता है कि यदि व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं होगा तो वह अपनी गलत आदतों के चलते धन का दुरुपयोग करेगा और उसके पास मां लक्ष्मी नहीं टिकती हैं। इसलिए मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की मूर्ति अवश्य रखें।

 
मां लक्ष्मी की सही दिशा घर में मां लक्ष्मी की मूर्ति भगवान गणेश जी के साथ रखने से सुख समृद्धि का वास होता है, लेकिन मंदिर में भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी की तस्वीर सही दिशा में लगाना बेहद जरूरी है। मंदिर में हमेशा मां लक्ष्मी की मूर्ति को गणेश जी के दाईं ओर ही रखा जाना चाहिए।

 
न करें ये गलती मां लक्ष्मी की प्रतिमा को गलती से भी भगवान गणेश की मूर्ति के बाईं ओर न रखें। इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि पुरुष के बाईं ओर पत्नी बैठती है। जबकि मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मां हैं। इसलिए हमेशा मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा गणेश जी के दाईं ओर रखें।

 
इस अवस्था में ना रखें मां लक्ष्मी की मूर्ति कई बार लोग जाने अनजाने में मां लक्ष्मी की मूर्ति खड़ी अवस्था में रख देते हैं। जबकि धर्म शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी चंचल होती हैं और खड़ी मूर्ति विराजमान करने से माता ज्यादा देर उस स्थान पर नहीं टिकती हैं। इसलिए कभी भी उनकी मूर्ति या प्रतिमा खड़े अवस्था में नहीं रखना चाहिए। हमेशा कमलासन पर विराजमान माता की मूर्ति स्थापितकरें।