ग्वालियर ।   नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन(एनसीटीई) ने परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट न भरने पर प्रदेश के 365 डीएड व बीएड कालेजों का शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए शून्य घोषित कर दिया है। ये कालेज अब इस सत्र में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। इसके लिए एनसीटीई ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को कालेजों की सूची के साथ पत्र भी जारी कर दिए हैं कि उन्हें संबद्धता प्रदान न की जाए। ग्वालियर में ऐसे 51, भोपाल व इंदौर में 18-18, और जबलपुर में चार कालेज हैं। इन कालेजों को सत्र 2020-21 में परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरनी थी, लेकिन कालेज संचालक इससे बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। एनसीटीई ने सभी डीएड-बीएड कालेजों के लिए परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरना अनिवार्य कर दिया है। एनसीटीई की तरफ से यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत एक अप्रैल को दिए गए आदेश के बाद जारी किया गया है। एनसीटीई की ओर से पूर्व में सभी डीएड-बीएड कालेजों को परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट भरने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कालेज संचालक इसका पालन नहीं कर रहे थे। इसके खिलाफ कालेज संचालकों ने न्यायालय की शरण ली थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला एनसीटीई के पक्ष में दिया। कालेजों को गत दो अप्रैल तक रिपोर्ट भरनी थी। एनसीटीई की 27 अप्रैल को हुई जनरल बाडी की बैठक के बाद एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें उल्लेख है कि जिन कालेजों ने परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरी है, उन कालेजों का वर्ष 2022-23 का सत्र शून्य घोषित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एनसीटीई ने मध्य प्रदेश में 1251 डीएड-बीएड कालेजों में से सिर्फ 886 को ही मान्यता जारी की है।