अगर किसी बैंक अकाउंट से लंबे समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं की जाती है, तो बैंकों के पास उसे इनएक्टिव अकाउंट के रूप में वर्गीकृत करने की प्रक्रिया होती है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास एक समय में कई बैंक खाते हैं और उनमें से कोई बैंक खाता ऐसा है, जिससे वह लेन-देन नहीं करता है, तो ऐसे बैंक खाते को बंद कर देना चाहिए क्योंकि कुछ बैंक न्यूनतम औसत मासिक/त्रैमासिक शेष राशि के रखरखाव के लिए जुर्माना शुल्क लगाते हैं। इसके अलावा, कुछ बैंक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लगाते हैं। ऐसे में जुर्माने ले बचना है तो इनएक्टिव बैंक खाते को बंद कर देना चाहिए।बता दें कि ग्राहक के डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग, ऑफलाइन बैंकिंग, थर्ड पार्टी ट्रांसफर, सावधि जमा से मिलने वाले ब्याज के क्रेडिट होने को बैंक खातों में लेनदेन माना जाता है, जो बैंक खाते को सक्रिय रखता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते में इनमें से कोई भी काम होता रहेगा, तो उसका बैंक खाता इनएक्टिव नहीं माना जाएगा।