भोपाल । कोरोना वायरस के कारण राजधानी में लाकडाउन लगाने की नौबत आ गई तो हजारों शादियों पर संकट के बादल छा जाएंगे। वहीं मैरिज गार्डन वाले भी आशंकाओं से घिर गए हैं उनकी बु‎किंग भी ‎निरस्त हो सकती है। य‎दि मेहमानों की संख्या प्रशासन ने 250 से कम करके 50 कर दी तो शहर के मैरिज गार्डनों व शादी हाल से होने वाली शादियों के आयोजनों पर संकट आ जाएगा। ऐसे में जिनके घर शादियां हैं वो तो असमंजस में हैं ही, मैरिज गार्डन वाले भी आशंकाओं से घिरे हैं। दरअसल 15 जनवरी से खरमास खत्म होने से शादियों के मुहूर्त शुरू हो गए है। इस माह 15 से 29 जनवरी तक शादियों के मुहूर्त हैं। 22 जनवरी को अधिक शादियां होनी हैं। इस महीने में शहर में 3000 शादियां होंगी। शहर के लालघाटी, होशंगाबाद रोड, कोलार, भेल, गांधी नगर, करोंद सहित शहर के अन्य इलाकों में 400 मैरिज गार्डन व शादी हाल शादियों के आयोजन के लिए बुक हैं। बड़े-बड़े गार्डनों अलग-अलग एक साथ चार से पांच शादियों को करोन की व्यवस्थाएं हैं। इसके अलावा शहर के बड़े होटलों में शादियों के आयोजन के लिए बुक हैं। हलालपुर मैरिज गार्डन एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कमलेश रायचंदानी ने बताया कि कोरोना के कारण तीन सालों से मैरिज गार्डन व शादी हाल वालों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही टेंट, डीजे, लाइट, कैटर्स वालों का रोजगार पर संकट है। इस बार उम्मीद थी कि कोरोना के मामले नहीं बढ़ेंगे तो 30 फीसद पर आया व्यवसाय बढ़ेगा, पर इस साल जल्दी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी। मेहमानों की संख्या तय करनी पड़ी। कोरोना संक्रमण बढ़ने से मैरिज गार्डन, शादी हाल, बड़े होटलों के अलावा टेंट, लाइट, डीजे, कैटर्स व्यवसाय पर संकट छा गया है। छोटे-छोटे व्यवसायियों को चिंता सताने लगी है कि लाकडाउन लगने का डर लगा रहा है। टेंट व्यवसायी चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि कम मेहमानों की संख्या से लोग घरों में शादियों का आयोजन कर लेते हैं। इससे टेंट, लाइट, डीजे की जरूरत नहीं पड़ती है। कैटर्स वालों को थोड़ा बहुत काम मिलता है, लेकिन वो भी कोई मतलब का नहीं रहता है। शासन-प्रशासन से मैरिज गार्डनों, शादी हाल में जगह के हिसाब से मेहमानों को बुलाने की अनुमति दी जाए। हर साल लोग एडवांस में जनवरी से ही मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई में पड़ने वाले शादियों के मुहूर्त के हिसाब से मैरिज गार्डनों व शादी हाल की बुकिंग करा देते थे। कोरोना का असर ऐसा है कि लोग बुकिंग नहीं करा रहे है, उल्टा जिनके घर जनवरी व फरवरी में शादियां हैं, वो बुकिंग निरस्त कराने आ रहे हैं। मैरिज गार्डनों का कहना है कि बड़े मैरिज गार्डन जो दो से तीन एकड़ जमीन पर बने हैं, उनमें अलग-अलग एक से चार शादियां हो जाती हैं, उनमें 250 मेहमानों की संख्या न के बराबर है।